tag:blogger.com,1999:blog-8881573028080804059.post4550316029974576540..comments2023-08-17T04:27:09.074-07:00Comments on शायरी की बातें...: उर्दू बहर पर एक बातचीत : क़िस्त 26 [बह्र-ए-मुतदारिक-1]आनन्द पाठकhttp://www.blogger.com/profile/00352393440646898202noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8881573028080804059.post-16641911727142498602021-04-11T08:47:22.258-07:002021-04-11T08:47:22.258-07:00'फ़ायलातुन मुफ़ाइलुन' बहर में "वो निग...'फ़ायलातुन मुफ़ाइलुन' बहर में "वो निगाहें सलीब हैं, <br /> हम बहुत बदनसीब हैं।" दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल है। <br />बहरों की सूची में भी यह बहर नहीं दिखी। कृपया जानकारी दें। Dr Ranveer Singh Parmarhttps://www.blogger.com/profile/07723556652448896469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8881573028080804059.post-57859537072986837282017-03-07T02:52:43.599-08:002017-03-07T02:52:43.599-08:00बेहद उम्दा पोस्ट, बहुत बहुत शुक्रियाबेहद उम्दा पोस्ट, बहुत बहुत शुक्रियाAnonymousnoreply@blogger.com