ग़ज़ल ०३
दिल ही दिल में डरता हूँ कुछ तुझे ना हो जाए
वरना राह-ए-उल्फ़त में जाए जान तो जाए
मेरी कम नसीबी का हाल पूछते क्या हो
जैसे अपने ही घर में राह कोई खो जाए
गर तुम्हे तकल्लुफ़ है मेरे पास आने में
ख़्वाब में चले आओ यूँ ही बात हो जाए
झूठ मुस्कराए क्या आओ मिल के अब रो लें
शायरी हुई अब कुछ गुफ़्तगू भी हो जाए
ये भी कोई जीना है?खाक ऐसे जीने पर
कोई मुझ पे हँसता है ,कोई मुझको रो जाए
मेरे दिल के आँगन में किस क़दर अँधेरा है
काश ! चाँदनी बन कर कोई इसको धो जाए
याद एक धोखा है ,याद का भरोसा क्या
तुम्ही खु़द यहाँ आकर ,याद से कहो जाए
देख कर चलो ’सरवर’! जाने कौन उल्फ़त में
फूल तुमको दिखला कर ,ख़ार ही चुभो जाए
-सरवर-
तकल्लुफ़ =तकलीफ़
खार = काँटा
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
आशा है - भविष्य में इस ब्लॉग पर अच्छी ग़ज़लें पढ़ने को मिलेंगी!
जवाब देंहटाएंनए वर्ष पर मधु-मुस्कान खिलानेवाली शुभकामनाएँ!
सही संयुक्ताक्षर "श्रृ" या "शृ"
FONT लिखने के चौबीस ढंग
संपादक : "सरस पायस"
नव वर्ष की शुभकामनाऐं
जवाब देंहटाएंएक अच्छी गज़ल पढ़ने को मिली
मेरी कम नसीबी का हाल पूछते क्या हो
जवाब देंहटाएंजैसे अपने ही घर में राह कोई खो जाए..
kya baat hai! Waise harek pankti sundar hai...!
इस नए वर्ष में नए ब्लॉग के साथ आपका हिन्दी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. आशा है आप यहां नियमित लिखते हुए इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होंगे .. आपके और आपके परिवार के लिए नया वर्ष मंगलमय हो !!
जवाब देंहटाएंआ० मित्रों
जवाब देंहटाएंइस साईट पर जो भी ग़ज़ल या लेख हैं वह सब जनाब सरवर आलम राज़ ’सरवर’ साहेब के हैं जो उर्दू स्क्रिफ्ट में या रोमन लिपी में लिखे गयें है जिसका सारा श्रेय "सरव्रर" साहब को जाता है मैने यहाँ मात्र उसका हिंदी तर्जुमा पेश किया है आप सभी हिंदीदाँ दोस्तों के मगर उर्दू से मुहब्बत है जिन्हें की सहूलियत के लिये.सरवर साहब हिंदी में नहीं लिख पाते है .उनके बारे विशेष जानकारी आप उनकी साईट www.sarwarraz.com पर देख सकते हैं.
मेरी कविता/गीत \व्यंग्य के लिए मेरा ब्लोग देख सकते हैं
www.akpathak3107.blogspot.com
&
www.akpathak317.blogspot.com
आ० अजय जी
जवाब देंहटाएंआप के यथा सुझाव सेटिंग्स ठीक कर दिया.सुझाव के लिए धन्यवाद
रावेन्द्र कुमार रवि जी/डा० कौशिक जी/शमा जी/संगीता पुरी जी
आप सभी लोगों की भावनाओं का स्वागत है
’सरवर’ जी को आप लोगों की भावनाओं से अवगत करा देंगे
सादर
-आनन्द.पाठक