सरवर की ग़ज़लें

 ग़ज़ल 001: मज़िल-ए-दर्द से गुज़र आए

 ग़ज़ल 002:  बात ऐसी हुई है क्या साहेब !

 ग़ज़ल 003: दिल ही दिल में डरता हूँ

 ग़ज़ल 004: दिल दुखाए कभी ,जाँ दुखाए कभी 

 ग़ज़ल 005: दिल को यूँ बहला रखा है 

 ग़ज़ल 006: मेरे जब भी करीब आई बहुत

 ग़ज़ल 007: यूँ अहल-ए-दिल मेरा

 ग़ज़ल 008: आ भी जा कि इस दिल की शाम

 ग़ज़ल 009: जब नाम तेरा सूझे 

 ग़ज़ल 010: कहाँ से आ गए तुम

ग़ज़ल 011:  दिल पे गुज़री है जो

ग़ज़ल 012: ज़माने की अदा है काफ़िराना

ग़ज़ल 013:  शब-ए-उम्मीद है

ग़ज़ल 014:  डूबता है दिल 

ग़ज़ल 015: खेल इक बन गया ज़माने का

ग़ज़ल 016 : मुहब्बत आशना हो कर 

ग़ज़ल 017 : उमीद-ओ-आरज़ू मेरी

ग़ज़ल 018 :न सोज़ आह में मेरी

ग़ज़ल 019: बेख़ुदी आ गई लेकर

ग़ज़ल 020 :बयान-ए-हुस्न-ओ-शबाब

ग़ज़ल 021: वो तसव्वुर में 

ग़ज़ल022: हम हुए गर्दिश-ए-दौराँ

 ग़ज़ल023: एक ज़रा सी देर को

ग़ज़ल 024: क्या तमाशा देखिए

ग़ज़ल 025: कहने को तो यूँ ज़िन्दगी

ग़ज़ल 026 : इलाही हो गया आखिर

 ग़ज़ल027: मुझे ज़िन्दगी पे अपनी

ग़ज़ल028: रोज़-ओ-शब इसमें

ग़ज़ल 029: आशना थे खुद से

ग़ज़ल 030: कभी  तुझ पे तेरी निगाह

ग़ज़ल 031: तमाम दुनिया में ढूँढ आ

ग़ज़ल 032: ज़माना एक जालिम है

ग़ज़ल 033: नज़र मिली बज़्म-ए-शौक़ जागी

ग़ज़ल 034: नफ़स नफ़स सर ब सर

ग़ज़ल035: किस कदर शिकवे थे

ग़ज़ल 036: हम ने सब कुछ ही

ग़ज़ल 037: हसरत-ओ-यास

 ग़ज़ल 038: आफ़त हो मुसीबत हो

ग़ज़ल 039: कूचा कूचा नगर नगर

ग़ज़ल 040: हम हुए गर्दिश-ए-दौराँ [दे0 22]

 ग़ज़ल 041: हयात मौत का ही

ग़ज़ल 042: अजीब कैफ़-ओ-सकूँ

 ग़ज़ल043: ख़ुश वक़्ते कि

 ग़ज़ल044: लरज रहा है दिल

ग़ज़ल 045: इक रिवायत के सिवा

ग़ज़ल 046: हिकायत-ए-ख़लिश-ए-जान

ग़ज़ल 047: सुना है अर्बाब-ए-अक्ल-ओ

ग़ज़ल 048: हमे ख़ुदा की क़सम

ग़ज़ल 049: छोडिए छोड़िए यह ढंग पुराना

ग़ज़ल 050: ढूँढते ढूँढते मैं कहाँ

ग़ज़ल 051: हो गई मेराज़-ए-इश्क़

ग़ज़ल 052: दामन-ए-तार तार

ग़ज़ल 053: मरीज-ए-इश्क़ पर

ग़ज़ल 054: दिल ही दिल में डरता हूँ [दे0 003]

ग़ज़ल 055: रोज़-ओ-शब इस में  [दे- 028 ]

ग़ज़ल 056: अफ़सोस खुद पे ख़ुद को

ग़ज़ल 057: रोज़-ओ-शब रुलाएगी

ग़ज़ल 058: रह-ए-वफ़ा में ग़म-ए-जुदाई

ग़ज़ल 059: रह-ए-उल्फ़त निहायत

ग़ज़ल 060

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